पिस्ता खाने में जितना स्वादिष्ट लगता है गुणों में भी ये उतना गुणकारी है इसमें प्रोटीन ,वसा, फाइबर है जो की
आंखों की सेहत के लिए, संक्रमण का प्रभाव कम करने , दिल की बीमारी को ख़त्म करने , कैंसर से बचाव, ब्लड प्रेशर की समस्या, और डायबिटीज की रोकथाम के लिए फायदेमंद है
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आइए जानते है कैसे करे पिस्ता की खेती
जलवायु–पिस्ता की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु दिन में हमे तापमान करीब 36 डिग्री सेटीग्रेड से ज्यादा एवंम ठण्ड में हमे तापमान 7 डिग्री सेटीग्रेड होना आवश्यक माना जाता है पिस्ता की खेती में आवश्यक मोसम इसकी पैदावार करने में सबसे अहम् जरुवत है
भूमि का चयन– पिस्ता की खेती आधिक तापमान वाले गर्म क्षेत्रो में होने की वजह से हमे ऐसी भूमि की आवश्यकता होती है जो की सूखे का अच्छी तरह से सामना कर सके ऐसी भूमि चिकनी बुलई मिट्टी होती है जो की सुखी और गहरी होती है
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खेत की तेयारी– पिस्ता की खेती के लिए अच्छी तरह गड्डा कर इनमें पहले से नर्सरी में तेयार पोधो को रोपित किया जाता है जो की एक लबे इंतजार के बाद करीब 10 से 12 साल बाद फल देने लायक होता है जो की प्रत्येक पोधा 8 से 10 किलो तक का उत्पादन देता है
देश में राजस्थान की जलवायु कुछ इस तरह की है जिसमे पिस्ते की खेती की जा सके विदेश से प्लांट लाकर राजस्थान के बीकानेर में किसानो को प्रशिक्षण देकर पिस्ता की खेती शुरू की गई है
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इस तरह भारत में पिस्ता की खेती करने वाला राजस्थान देश का एक मात्र राज्य है जहा पर अभी पिस्ता की खेती की शुरुवात की गई है जो की आने वाले दिनों में इसकी फसल के लिए उपयुक्त जलवायु वाले देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकती है दुनिया भर में पिस्ता की खेती अब तक कैलिफोर्निया, अमेरिका, बेतनाम, फ्रांस जैसे देशो में ही की जाती है.